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साझेदारी खाते (प्राम्भिक एवं अंतिम खाते)

 चल एवं अचल पूंजी

(Fixed & glowing Capital)

1. A, B और C एक फर्म में साझेदार हैं यह उस अनुपात में लाभालाभ बैठते हैं जो वर्ष के प्रारंभ में उनकी पूंजी में होता है उन्हें प्रतिवर्ष लाभों के अपने अनुमानित भागों में से ₹6000, ₹5000 और ₹4000 क्रमश: आहरण करने का अधिकार है इन राशियों से यदि अधिक राशि आहरण की जाती है तो इसे उनके द्वारा फर्म को किया गया अग्रिम माना जाता है और इस आधिक्य पर 6% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज लगाया जाता है वर्ष के प्रारंभ में जो पुंजिया होती हैं, उन पर 5% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज लगाया जाता हैं।
     वर्ष के प्रारंभ में साझेदारों की पुंजिया:A 80,000 B 60,000 और C 40,000 थी। उनके चालू खातों की क्रेडिट बाकीया A, 2,304₹ B 3,728₹ C 1,152₹ थी। वर्ष में उनके आहरण A 10,000₹, B 12,000 और C ₹5000 थे। उपयुक्त वर्णित ब्याज के लिए समायोजन करने से पूर्व वर्ष के लिए रकम के लाभ ₹30,096 के साझेदारों की पूंजी खातों और चालू खाते बनाइए तथा लाभ हानि नियोजन खाता भी बनाये।
1-Calculation of interest on Capital
80,000×5/100=4000 -A
60,000×5/100=3000 -B
40,000×5/100=2000 -C

2- Calculation of interest on drawing.
10,000-6,000=4,000×6/100=240₹
12,000-5,000=7,000×6/100=420₹
5,000-4,000=1,000×6/100=60₹








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